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22 Nov 2017

इंफ्रा का दर्जा मिलने से लॉजिस्टिक्स शेयरों में बने निवेश के मौके, ऐसे बनाएं स्ट्रैटजी.

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने लॉजिस्टिक्स सेक्टर को इंफ्रा का दर्जा दे दिया है। इसमें मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क, वेयरहाउस और कोल्ड चेन भी शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लॉजिस्टिक्स को इंफ्रा का दर्जा मिलने से इस सेक्टर में निवेश बढ़ेगा, डोमेस्टिक और एक्सटरनल डिमांड बढ़ेगी। वहीं, अब सेक्टर को सस्ते दरों पर कर्ज मिल सकेगा और जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी बढ़ेगी। ऐसे में लॉजिस्टिक्स सेक्टर में आगे अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है।
 
सस्ते दर पर मिलेगा कर्ज एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर का स्टेटस मिलने से लॉजिस्टिक्स कंपनियों को सस्ते दर पर कर्ज मिलेगा। बैंक उन कंपनियों को सस्ते दर पर कर्ज उपलब्ध कराती है जिनका आर्थिक विकास में योगदान होता है। जीडीपी में लॉजिस्टिक्स की हिस्सेदारी बढ़ने से इनको अब बैंकों से सस्ते दर पर कर्ज मिलने में आसानी होगी।

लॉजिस्टिक्स सेक्टर में बढ़ेगा निवेश ट्रेडस्विफ्ट ब्रोकिंग के डारेक्टर संदीप जैन के मुताबिक आने वाले दिनों में इस सेक्टर में निवेश बढ़ने की उम्मीद है। तमाम विकसित देशों की तुलना में भारत में लॉजिस्टिक कॉस्ट बहुत ज्यादा है। लॉजिस्टिक कॉस्ट ज्यादा होने के चलते इस सेक्टर में डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट मार्केट में कम्पटीशन कम है। इंफ्रा का दर्जा मिलने से इस सेक्टर में निवेश बढ़ेगा, जिससे ये दिक्कतें दूर होंगी।   वहीं स्टैल्यन एसेट डॉट कॉम के फाउंडर अमित जेसवानी का कहना है कि इंफ्रा स्टेटस मिलने से उन कंपनियों को फायदा होगा जिनको डेट की ज्यादा जरूरत है। उनको इंश्योरेंस कंपनियों और पेंशन फंड्स से लॉन्ग टर्म के लिए लोन मिलने की संभावना बढ़ी है। इसके साथ ही वे राज्य के स्वामित्व वाली फाइनेंसर इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी लिमिटेड से लोन लेने के लिए योग्य हो गए हैं।  

सप्लाई चेन में आएगा सुधार यस सिक्युरिटीज की सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और हेड ऑफ रिसर्च निताशा शंकर ने कहा कि बैंकों से सस्ते कर्ज मिलने से लॉजिस्टिक्स कंपनियों को अपना विस्तार करने में मदद मिलेगी। इससे कंपनियों का सप्लाई चेन में सुधार आएगा जो अभी इस सेक्टर की सबसे बड़ी समस्या है।