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4 Feb 2021

Budget 2021: ई-वे बिल के नए प्रावधान से ट्रांसपोर्टर्स की बढ़ेगी मुश्किलें, जानिए क्या हुआ है बदलाव

अब नए प्रावधान के मुताबिक यदि ई-वे बिल में कोई त्रुटि होती है, तो टैक्स और पेनाल्टी दोनों लगेगी। साथ ही जो टैक्स पहले वापस हो जाता था, वह अब नहीं होगा।

हाइलाइट्स:

  • वर्ष 2021-22 के बजट में ई-वे बिल के सेक्शन 129 में बदलाव कर दिया गया है
  • इससे आने वाले दिनों में ट्रांसपोर्टर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं
  • इससे इंस्पेक्टर राज बढ़ने के साथ भ्रष्टाचार फैलने की आशंका जताई जा रही है
2021-22 के बजट में ई-वे बिल (E way bill) के सेक्शन 129 में बदलाव कर दिया गया है। इससे आने वाले दिनों में ट्रांसपोर्टर्स (Transporters) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के प्रेजिडेंट राजेंद्र कपूर का कहना है कि इससे इंस्पेक्टर राज (Inspector Raj) बढ़ने के साथ भ्रष्टाचार फैलेगा। खास तौर से परचून और खुदरा सेक्टर में ट्रांसपोर्ट करने वाले कारोबारियों के लिए परेशानी हो जाएगी।

आर्गनाइजेशन ने किया है आगाह
दिल्ली गुड्स ट्रांसपोट ऑर्गनाइजेशन ने सभी ट्रांसपोर्टर्स को आगाह किया है कि जब भी कोई गाड़ी में माल लोड करे, तो ई-वे बिल वाले माल को विशेष तरजीह दे। क्योंकि उसमें होने वाली किसी भी गलती का खामियाजा अब दोगुना हो गया है। पहले ई-वे बिल में खामी पाए जाने पर दो तरह की पेनाल्टी लगती थी। 1. अगर ट्रांसपोर्टर जुर्माना देगा, तो माल की कीमत का 100 प्रतिशत चुकाना होगा। 2. यदि माल भेजने वाला या लेने वाला पेनाल्टी भरेगा, तो टैक्स और पेनाल्टी (जितना टैक्स है, माल की कैटेगरी के हिसाब से) चुकाना होगा। इसमें टैक्स की रकम वापस हो जाती थी।


अब दो गुना पेनाल्टी
राजेंद्र कपूर का कहना है कि अब नए प्रावधान के मुताबिक यदि ई-वे बिल में कोई त्रुटि होती है, तो टैक्स और पेनाल्टी दोनों लगेगी। साथ ही जो टैक्स पहले वापस हो जाता था, वह अब नहीं होगा। साफ है छोटी से छोटी गलती जो अनजाने में भी हो जाए या चालक व कर्मचारी के द्वारा हो गई, तो पेनाल्टी और जुर्माना दो गुना वसूला जाएगा। अब ट्रांसपोर्टर्स के वाट्सएप ग्रुप में नया प्रावधान आने के बाद सभी काफी खफा है। इसके खिलाफ लामबंद होने की रणनीति बन रही है। आने वाले दिनों ई-बिल को खत्म करने की मांग उठाई जाएगी।

दुनिया में कहीं नहीं ई-वे बिल जैसा नियम
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन प्रदीप सिंघल का कहना है कि ई-वे बिल के नए नियम के मुताबिक, किसी भी सामान को 24 घंटे में 200 किलोमीटर तक पहुंचाना है। पहले ये एक दिन में 100 किलोमीटर था। यह आसान नहीं है। कई बार क्लाइंट्स माल नहीं लेते। पेमेंट की वजह से माल रोकना पड़ता है। रास्ते में गाड़ी खराब हो जाती है। धरना-प्रदर्शन में गाड़ी फंस जाती है। ड्राइवर या हेल्पर का रास्ते में गांव पड़ जाता है। ड्राइवर बीमार हो जाता है। कई वजह है कि मौजूदा समय में गाड़ी को 24 घंटे में 200 किमी पहुंचाने में दिक्कत आ सकती है। अगर कोई नहीं पहुंचा पाया, तो माल को गैर कानूनी माने जाने का प्रावधान है। यह ठीक नहीं है। बजट के नए प्रावधान में तो टैक्स का रिबेट भी नहीं मिलेगा। उनका कहना है कि ई-वे बिल जैसा नियम दुनिया में कहीं नहीं है। इससे लॉजिस्टिक कॉस्ट बढ़ गई है। व्यापारी और ट्रांसपोर्टर नंबर 1 का काम करने के बाद भी ई-बिल की विसंगतियों की वजह से दोषी नहीं हो सकता। इस पर रोक लगनी चाहिए।

 
https://navbharattimes.indiatimes.com/business/budget/budget-classroom/budget-2021-transporters-will-face-difficulties-due-to-new-provision-of-e-way-bill-know-what-has-changed/articleshow/80684208.cms